Short Story In Hindi 2020 :- एक समय की बात है कि एक राजा बहुत बीमार हो गया। राजा का बहुत इलाज किया गया लेकिन कोई फायदा ना हुआ, बीमारी ठीक नहीं हो रही थी। सब और से निराशा ही मिल रही थी। आखिरकार दुनियाँ भर के नामी हकीमों को बुलाया गया। सभी ने मिल कर राजा की जाँच की। हर तरीके से जांच करने के बाद उन्होंने आपस में सलाह-मशवरा किया, सभी इस नतीजे पर पहुंचे कि प्राचीन ग्रंथों के अनुसार राजा को जो असाध्य रोग हुआ है उसकी मात्र एक ही दवा है। राजा को कुछ खास लक्षणों वाले एक जवान आदमी का कलेजा कुछ खास दवाओं में मिलाकर खिलाया जाये तो राजा का यह रोग ठीक हो सकता है।
लेकिन अब यह भी देखने वाली बात थी कि क्या ऐसा करना ठीक होगा? राज्य के काज़ी को बुलाया गया, काज़ी ने धर्म को आधार मान कर कहा कि ऐसा करना उचित है, राजा की जिंदगी बचाने के लिए किसी आम इंसान की जिंदगी कुर्बान करना एकदम जायज है।
पूरे राज्य में उन खास लक्षणों वाले जवान आदमी की तलाश शुरू हो गई। जल्दी ही एक गरीब परिवार में एक लड़का मिल गया जिसमें वह सारे लक्षण मौजूद थे जो हकीमों द्वारा बताए गए थे। राजा ने लड़के के परिवार वालों को अपने महल में बुलाया, उन्हें ढेरों इनाम दिए, भरपूर धन-दौलत उनको भेंट की, इसके अलावा उन्हें कई एकड़ भूमि भी दे दी। काज़ी ने लड़के के परिवार वालों को समझाया कि आपके बेटे की कुर्बानी देश धर्म और इंसानियत की खातिर महान काम है। वह लोग सदाहरण गरीब परिवार के लोग थे, इतनी धन-संपत्ति और वैभव के आगे वो बेबस हो गए, उन्होंने अपना बेटा राजा को सौंप दिया।
लड़के की कुर्बानी का मुकर्रर दिन आ चुका था। राजा और हकीमों की मौजूदगी में जल्लाद लड़के का सर कलम करने के लिए तैयार खड़ा था। सभी लोग लड़के की तरफ देख रहे थे। वो लड़का आसमान की तरफ देखकर खिलखिला कर हंस पड़ा। लड़के को इस तरह हंसता देख राजा बहुत हैरान हुआ। मौत के इस समय में यह लड़का हंस क्यों रहा है? राजा ने लडके से पूछा कि क्या बात है, तुम्हें हंसी क्यों आ रही है?
लड़के ने उत्तर दिया, हे राजन ! मां-बाप से यह उम्मीद की जाती है कि वह सब कुछ खोकर भी अपनी औलाद का भला करेंगे। हकीमों से यह उम्मीद की जाती है कि वह इंसानी जिंदगी को सबसे कीमती मानेंगे, काज़ी से उम्मीद की जाती है कि वह धर्म के आधार पर फैसला करेगा, जिसे किसी जगह पर भी इंसाफ नहीं मिलता उसे राजा के दरबार में इंसाफ मिलता है। आखिर में ईश्वर से उम्मीद की जाती है कि वह तो सब कुछ देख रहा है, वो ही सब फैसला करेगा।
मुझे मेरे मां-बाप ने पैसों की खातिर राजा को बेच दिया, हकीमों ने इंसानी जिंदगी में भेदभाव करके मेरी जिंदगी को राजा के जीवन से कम कीमत का कह दिया। काज़ी ने इस सारे तमाशे को मंजूरी दे दी और राजा तो खुद इस सबकी जड़ में मौजूद है। मैं हंस इसलिए रहा हूं कि हे ईश्वर! क्या तू सब कुछ देख रहा है? क्या मैं अब तुझ से कुछ उम्मीद रखूं?
युवक की बात सुनकर राजा सुन्न हो गया, उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। उसने तुरंत लड़के को छोड़ने का हुक्म दे दिया। राजा सबको सम्बोधित होकर कहने लगा ”राजा का धर्म है कि वह अपने राज्य के हर इंसान की खुशहाली के लिए काम करें, मैं अपनी मामूली सी जिंदगी की खातिर इस होनहार नौजवान को कत्ल करवा रहा था, ईश्वर सचमुच सब कुछ देख रहा है, और वो इस गुनाह के लिए हम सब को कभी माफ ना करता।
राजा ने लड़के को अनेक उपहार दिए और उससे बार-बार माफी मांगी, राजा ने ईश्वर को साक्षी मानकर गहरी साँस ली और कहा कि जिस दिन जिस तरह मेरी मौत होनी होगी मैं ईश्वर की मर्जी के अनुसार उसको स्वीकार करूँगा।
जैसे-जैसे दिन बीतते गए, राजा की तबीयत में सुधार होने लगा और वह एकदम ठीक-ठाक हो गया।
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